लोकसभा चुनाव के छठे चरण के लिए वोटिंग जारी है। जहां एक ओर वोटिंग में बंगाल के लोग बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर बंगाल में हिंसा भी जमकर हो रही है। देखिए बंगाल में हुई हिंसा की इनसाइड स्टोरी।
पांचवें चरण में 6 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों की 49 लोकसभा सीट पर आज वोटिंग हो रही है. लोकतंत्र के महापर्व को लेकर देशभर में लोगों में उत्साह है. कश्मीर से लेकर महाराष्ट्र, बंगाल और ओडिशा तक बंपर वोटिंग हो रही है. बंगाल में अब तक सबसे ज्यादा वोटिंग की खबर है. लेकिन एक तरफ जहां बंगाल में बंपर वोटिंग हो रही है. वहीं इस राज्य से हिंसा और झड़प की भी सबसे अधिक खबर आई है। आज इसी मुद्दे पर देखिये देश का नंबर 1 शो 'ताल ठोक के'
लोकसभा चुनाव 2024 के बीच बंगाल में चुनावी हिंसा जारी है। गृह मंत्री अमित शाह ने इस हिंसा का जिम्मेदार TMC सरकार को ठहराया है। अमित शाह ने कहा कि बंगाल में हिंसा लगातार जारी है। आतंकवाद से पीड़ित कश्मीर बदल गया लेकिन बंगाल में हिंसा का दौर नहीं थम रहा है। इसी मुद्दे पर देखिए बहस का नंबर 1 शो ताल ठोक के।
पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं की बस पर बड़ा हमला हुआ है. बताया जा रहा है कि जिस वक्त हमला हुआ, उस वक्त बीजेपी कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली से लौट रहे थे.
Bengal TMC Breaking: बंगाल के कूचबिहार में बीजेपी-TMC कार्यकर्ता भिड़ गए। आरोप है कि निसिथ प्रमाणिक के सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट की गई। बता दें कि बंगाल में खूनी राजनीति का लंबा इतिहास रहा है।
Loksabha Election 2024: केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद BJP की पहली लिस्ट तैयार हो चुकी है. वहीं सूत्रों के मुताबिक खबर है कि 100 से ज़्यादा नामों का ऐलान हो सकता है. साथ ही जानकारी ये भी है कि कई मंत्रियों के टिकट भी कट सकते हैं.
Taal Thok Ke: जो लोग ममता बनर्जी और बंगाल की राजनीति को जानते हैं, वो सिंगूर और नंदीग्राम का किस्सा भी जानते ही होंगे। भूमि अधिग्रहण के खिलाफ़ ममता के ये वो 2 मूवमेंट थे, जिसके दम पर उन्होंने बंगाल में 34 साल का लेफ्ट का शासन उखाड़ फेंका था और ऐसा फेंका कि आजतक बंगाल में पैर जमाए हुए हैं। लेकिन संदेशखाली से ममता की सिंगूर और नंदीग्राम वाली ज़मीन क्या अब खिसकने जा रही है? यही डिबेट है आज की, कि संदेशखाली का मामला क्या 24 में बंगाल की 42 सीटों पर बीजेपी के लिये बूस्टर का काम करेगा? संदेशखाली में हिन्दू महिलाओं के उत्पीड़न और ज़मीन पर अवैध कब्ज़ों का आरोपी शाहजहां शेख 55 दिन बाद गिरफ्तार हुआ और अब पुलिस की कस्टडी में है। TMC ने उसे पार्टी से निकालने में 55 दिन लिये। लेकिन शाहजहां शेख की हरकतें TMC से छूट नहीं रही हैं, बल्कि चिपक गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आज बंगाल पहुंचते ही आरामबाग की रैली में शाहजहां शेख पर ही ममता सरकार की ख़बर ली। प्रधानमंत्री ने पब्लिक से ही पूछ लिया कि शाहजहां शेख की हरकत, और उसे बचाने की कोशिश पर लोग ममता सरकार को माफ़ करेंगे? क्या मां-बहनों पर चोट का जवाब वोट से नहीं देंगे? प्रधानमंत्री ने संदेशखाली पर मूकदर्शक बने रहने पर INDIA अलायंस को भी लपेटा और उसे गांधी जी के तीन बंदरों जैसा बताया। इसके बाद भ्रष्टाचार और परिवारवाद को लेकर भी ममता और दूसरे विपक्षी नेताओं पर अटैक किये। ममता कह चुकी हैं कि संदेशखाली को सिंगूर और नंदीग्राम से कंपेयर नहीं किया जा सकता, जो ये कर रहे हैं उनकी मंशा कुछ और है। सीधे कहा कि बीजेपी संदेशखाली से वोट तलाश रही है। 2009 के बाद बंगाल में बीजेपी तेज़ी से उठी है। 2014 में 2 सीटों से 2019 में सीधे 18 सीटों पर पहुंच गई थी। हांलाकि 2021 के विधानसभा चुनाव में ममता फिर सरकार बना ले गईं, लेकिन बीजेपी का वोट और सीटें तब भी बढ़ी थीं। बड़ा सवाल है इस बार क्या होगा? 10 साल में मोदी बंगाल के 32 दौरे कर चुके हैं। हज़ारों करोड़ के प्रोजेक्ट दे चुके हैं, आज भी दिये हैं। और अब तो उनके पास देने को 400 पार के नारे के साथ मोदी गारंटी और संदेशखाली जैसे मुद्दे भी हैं।
Taal Thok Ke: जो लोग ममता बनर्जी और बंगाल की राजनीति को जानते हैं, वो सिंगूर और नंदीग्राम का किस्सा भी जानते ही होंगे। भूमि अधिग्रहण के खिलाफ़ ममता के ये वो 2 मूवमेंट थे, जिसके दम पर उन्होंने बंगाल में 34 साल का लेफ्ट का शासन उखाड़ फेंका था और ऐसा फेंका कि आजतक बंगाल में पैर जमाए हुए हैं। लेकिन संदेशखाली से ममता की सिंगूर और नंदीग्राम वाली ज़मीन क्या अब खिसकने जा रही है? यही डिबेट है आज की, कि संदेशखाली का मामला क्या 24 में बंगाल की 42 सीटों पर बीजेपी के लिये बूस्टर का काम करेगा? संदेशखाली में हिन्दू महिलाओं के उत्पीड़न और ज़मीन पर अवैध कब्ज़ों का आरोपी शाहजहां शेख 55 दिन बाद गिरफ्तार हुआ और अब पुलिस की कस्टडी में है। TMC ने उसे पार्टी से निकालने में 55 दिन लिये। लेकिन शाहजहां शेख की हरकतें TMC से छूट नहीं रही हैं, बल्कि चिपक गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आज बंगाल पहुंचते ही आरामबाग की रैली में शाहजहां शेख पर ही ममता सरकार की ख़बर ली। प्रधानमंत्री ने पब्लिक से ही पूछ लिया कि शाहजहां शेख की हरकत, और उसे बचाने की कोशिश पर लोग ममता सरकार को माफ़ करेंगे? क्या मां-बहनों पर चोट का जवाब वोट से नहीं देंगे? प्रधानमंत्री ने संदेशखाली पर मूकदर्शक बने रहने पर INDIA अलायंस को भी लपेटा और उसे गांधी जी के तीन बंदरों जैसा बताया। इसके बाद भ्रष्टाचार और परिवारवाद को लेकर भी ममता और दूसरे विपक्षी नेताओं पर अटैक किये। ममता कह चुकी हैं कि संदेशखाली को सिंगूर और नंदीग्राम से कंपेयर नहीं किया जा सकता, जो ये कर रहे हैं उनकी मंशा कुछ और है। सीधे कहा कि बीजेपी संदेशखाली से वोट तलाश रही है। 2009 के बाद बंगाल में बीजेपी तेज़ी से उठी है। 2014 में 2 सीटों से 2019 में सीधे 18 सीटों पर पहुंच गई थी। हांलाकि 2021 के विधानसभा चुनाव में ममता फिर सरकार बना ले गईं, लेकिन बीजेपी का वोट और सीटें तब भी बढ़ी थीं। बड़ा सवाल है इस बार क्या होगा? 10 साल में मोदी बंगाल के 32 दौरे कर चुके हैं। हज़ारों करोड़ के प्रोजेक्ट दे चुके हैं, आज भी दिये हैं। और अब तो उनके पास देने को 400 पार के नारे के साथ मोदी गारंटी और संदेशखाली जैसे मुद्दे भी हैं।
Sandeshkhali Violence Case: संदेशखाली के गुनहगार शाहजहां शेख के खिलाफ आखिरकार तृणमूल कांग्रेस ने बड़ा एक्शन लिया है। पार्टी ने शाहजहां शेख को 6 साल के लिए निलंबित कर दिया है। TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये जानकारी दी है।
Deshhit: बंगाल के संदेशखाली का खलनायक शाहजहां शेख को बीजेपी छोटा दाऊद भी कह रहे हैं। उसकी गिरफ्तारी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं, आखिरकार 55 दिन तक शेख शाहजहां कहां पर छिपा रहा ? पश्चिम बंगाल पुलिस उसे गिरफ्तार कर नहीं पाई या गिरफ्तार करना नहीं चाहती थी ?