ज्ञानवापी पर फैसला आने के बाद से ही जहां एक तरफ हिंदु पक्ष के बीच खुशी की लहर दौर उठी है क्योंकि आखिरकार 30 साल के बाद ज्ञानवापी परिसर के अंदर मदिर में लोग पूजा कर सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष अदालत के फैसले को मानने से इंकार कर रहे है. मुस्लिम पक्ष ने कहा कानून को ओवरलूक किया गया और इस फैसले के खिलाफ वह हाईकोर्ट जाएंगे. उन्होंने आगे यह भी कहा 993 के पहले पूजा पाठ का दवा बिल्कुल निराधार, वहां पर कोई मूर्तियां नहीं है. देखें वीडियो...
Taal Thok Ke: अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन में बस 15 दिन रह गये हैं. जैसे-जैसे 22 जनवरी पास आ रही है तैयारियां और तेज़ हो रही हैं. उत्साह भी बढ़ता जा रहा है। राम मंदिर ट्रस्ट पहले दिन से अपील कर रहा है कि 22 जनवरी को वो ही लोग आएं जिन्हें निमंत्रण मिला है। ये अपील उद्घाटन समारोह की व्यवस्था के लिहाज़ से भी है. इसलिये लोग भी मन से तैयार हैं कि 22 जनवरी को अपने गांव-मोहल्ले को ही अयोध्या मानकर रामलला की पूजा करेंगे. उसके बाद जब सुविधा रहेगी, तब अयोध्या की यात्रा करेंगे. लेकिन राम मंदिर पर होने वाली राजनीति प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करते-करते अब रामभक्तों को डराने तक पहुंच गई है. एक नैरेटिव खड़ा किया जा रहा है कि 22 जनवरी को या फिर उसके बाद जब लोग अयोध्या जाएं..तो उनके साथ अनर्थ हो सकता है. पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जुलाई में कहा था कि- राम मंदिर के उद्घाटन से पहले ये बीजेपी वाले कुछ भी करा सकते हैं, बम फिंकवा सकते हैं, सियासी सहानुभूति के लिये किसी बड़े नेता की हत्या भी करा सकते हैं. अगस्त में शिवसेना के संजय राउत ने कहा- जब रामभक्त ट्रेनों में भरकर अयोध्या जाएंगे तो ट्रेनों पर पत्थरबाज़ी हो सकती है, गोधरा जैसा कुछ हो सकता है. सितंबर में उद्धव ठाकरे ने इस बात को रिपीट किया. कहा- रामभक्त बसों और ट्रेनों में अयोध्या जाएंगे तो गोधरा जैसा कुछ हो सकता है. तीन दिन पहले कांग्रेस के नेता बीके हरिप्रसाद बोले- बीजेपी पुलवामा या गोधरा जैसा कुछ करा सकती है, ये सब कराने में उसे 30 साल से महारत है। हरिप्रसाद के पीछे-पीछे अशोक गहलोत बोले कि बीजेपी बालाकोट जैसा फ़ायदा उठाने की फिराक में है और अब RJD के विधायक अजय सिंह ने कहा है कि बीजेपी का कोई भरोसा नहीं कि अयोध्या में भीड जमा के खुद ब्लास्ट करा दे. और फिर पाकिस्तानियों या मुसलमानों पर इल्ज़ाम डाल दे. और छठा बयान AIUDF के नेता बदरुद्दीन अजमल का है. कल ही उन्होंने देश के मुसमलानों से एक अपील की कि 20 से 25 जनवरी तक अपने घरों में ही रहें. बाहर ना निकलें. बस या ट्रेन से सफ़र ना करें. क्योंकि बीजेपी कुछ भी करा सकती है. तीन दिन पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था- उन्हें शक़ है कि विपक्षी दल जिस तरह राम मंदिर के उद्घाटन और पीएम मोदी का विरोध कर रहे हैं, हो सकता है यही लोग कुछ गड़बड़ करा दें. तो आज की बहस इसी पर. जानेंगे कि 22 जनवरी से पहले गोधरा-पुलवामा जैसे अंदेशों के पीछे क्या वजह है? इस डर की वाकई कोई वजह भी है या फिर ये 24 के लिये डराने वाली सियासत है?
Taal Thok Ke: अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन में बस 15 दिन रह गये हैं. जैसे-जैसे 22 जनवरी पास आ रही है तैयारियां और तेज़ हो रही हैं. उत्साह भी बढ़ता जा रहा है। राम मंदिर ट्रस्ट पहले दिन से अपील कर रहा है कि 22 जनवरी को वो ही लोग आएं जिन्हें निमंत्रण मिला है। ये अपील उद्घाटन समारोह की व्यवस्था के लिहाज़ से भी है. इसलिये लोग भी मन से तैयार हैं कि 22 जनवरी को अपने गांव-मोहल्ले को ही अयोध्या मानकर रामलला की पूजा करेंगे. उसके बाद जब सुविधा रहेगी, तब अयोध्या की यात्रा करेंगे. लेकिन राम मंदिर पर होने वाली राजनीति प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करते-करते अब रामभक्तों को डराने तक पहुंच गई है. एक नैरेटिव खड़ा किया जा रहा है कि 22 जनवरी को या फिर उसके बाद जब लोग अयोध्या जाएं..तो उनके साथ अनर्थ हो सकता है. पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जुलाई में कहा था कि- राम मंदिर के उद्घाटन से पहले ये बीजेपी वाले कुछ भी करा सकते हैं, बम फिंकवा सकते हैं, सियासी सहानुभूति के लिये किसी बड़े नेता की हत्या भी करा सकते हैं. अगस्त में शिवसेना के संजय राउत ने कहा- जब रामभक्त ट्रेनों में भरकर अयोध्या जाएंगे तो ट्रेनों पर पत्थरबाज़ी हो सकती है, गोधरा जैसा कुछ हो सकता है. सितंबर में उद्धव ठाकरे ने इस बात को रिपीट किया. कहा- रामभक्त बसों और ट्रेनों में अयोध्या जाएंगे तो गोधरा जैसा कुछ हो सकता है. तीन दिन पहले कांग्रेस के नेता बीके हरिप्रसाद बोले- बीजेपी पुलवामा या गोधरा जैसा कुछ करा सकती है, ये सब कराने में उसे 30 साल से महारत है। हरिप्रसाद के पीछे-पीछे अशोक गहलोत बोले कि बीजेपी बालाकोट जैसा फ़ायदा उठाने की फिराक में है और अब RJD के विधायक अजय सिंह ने कहा है कि बीजेपी का कोई भरोसा नहीं कि अयोध्या में भीड जमा के खुद ब्लास्ट करा दे. और फिर पाकिस्तानियों या मुसलमानों पर इल्ज़ाम डाल दे. और छठा बयान AIUDF के नेता बदरुद्दीन अजमल का है. कल ही उन्होंने देश के मुसमलानों से एक अपील की कि 20 से 25 जनवरी तक अपने घरों में ही रहें. बाहर ना निकलें. बस या ट्रेन से सफ़र ना करें. क्योंकि बीजेपी कुछ भी करा सकती है. तीन दिन पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था- उन्हें शक़ है कि विपक्षी दल जिस तरह राम मंदिर के उद्घाटन और पीएम मोदी का विरोध कर रहे हैं, हो सकता है यही लोग कुछ गड़बड़ करा दें. तो आज की बहस इसी पर. जानेंगे कि 22 जनवरी से पहले गोधरा-पुलवामा जैसे अंदेशों के पीछे क्या वजह है? इस डर की वाकई कोई वजह भी है या फिर ये 24 के लिये डराने वाली सियासत है?
Taal Thok Ke: अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन में बस 15 दिन रह गये हैं. जैसे-जैसे 22 जनवरी पास आ रही है तैयारियां और तेज़ हो रही हैं. उत्साह भी बढ़ता जा रहा है। राम मंदिर ट्रस्ट पहले दिन से अपील कर रहा है कि 22 जनवरी को वो ही लोग आएं जिन्हें निमंत्रण मिला है। ये अपील उद्घाटन समारोह की व्यवस्था के लिहाज़ से भी है. इसलिये लोग भी मन से तैयार हैं कि 22 जनवरी को अपने गांव-मोहल्ले को ही अयोध्या मानकर रामलला की पूजा करेंगे. उसके बाद जब सुविधा रहेगी, तब अयोध्या की यात्रा करेंगे. लेकिन राम मंदिर पर होने वाली राजनीति प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करते-करते अब रामभक्तों को डराने तक पहुंच गई है. एक नैरेटिव खड़ा किया जा रहा है कि 22 जनवरी को या फिर उसके बाद जब लोग अयोध्या जाएं..तो उनके साथ अनर्थ हो सकता है. पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जुलाई में कहा था कि- राम मंदिर के उद्घाटन से पहले ये बीजेपी वाले कुछ भी करा सकते हैं, बम फिंकवा सकते हैं, सियासी सहानुभूति के लिये किसी बड़े नेता की हत्या भी करा सकते हैं. अगस्त में शिवसेना के संजय राउत ने कहा- जब रामभक्त ट्रेनों में भरकर अयोध्या जाएंगे तो ट्रेनों पर पत्थरबाज़ी हो सकती है, गोधरा जैसा कुछ हो सकता है. सितंबर में उद्धव ठाकरे ने इस बात को रिपीट किया. कहा- रामभक्त बसों और ट्रेनों में अयोध्या जाएंगे तो गोधरा जैसा कुछ हो सकता है. तीन दिन पहले कांग्रेस के नेता बीके हरिप्रसाद बोले- बीजेपी पुलवामा या गोधरा जैसा कुछ करा सकती है, ये सब कराने में उसे 30 साल से महारत है। हरिप्रसाद के पीछे-पीछे अशोक गहलोत बोले कि बीजेपी बालाकोट जैसा फ़ायदा उठाने की फिराक में है और अब RJD के विधायक अजय सिंह ने कहा है कि बीजेपी का कोई भरोसा नहीं कि अयोध्या में भीड जमा के खुद ब्लास्ट करा दे. और फिर पाकिस्तानियों या मुसलमानों पर इल्ज़ाम डाल दे. और छठा बयान AIUDF के नेता बदरुद्दीन अजमल का है. कल ही उन्होंने देश के मुसमलानों से एक अपील की कि 20 से 25 जनवरी तक अपने घरों में ही रहें. बाहर ना निकलें. बस या ट्रेन से सफ़र ना करें. क्योंकि बीजेपी कुछ भी करा सकती है. तीन दिन पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था- उन्हें शक़ है कि विपक्षी दल जिस तरह राम मंदिर के उद्घाटन और पीएम मोदी का विरोध कर रहे हैं, हो सकता है यही लोग कुछ गड़बड़ करा दें. तो आज की बहस इसी पर. जानेंगे कि 22 जनवरी से पहले गोधरा-पुलवामा जैसे अंदेशों के पीछे क्या वजह है? इस डर की वाकई कोई वजह भी है या फिर ये 24 के लिये डराने वाली सियासत है?
अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन में बस 15 दिन शेष हैं. तैयारियां करीब करीब पूरी हो चुकी हैं. लेकिन इस पर हो रही सियासत अभी भी पूरी नहीं हुई है. पहले राम मंदिर और राम पर सवाल उठाए जा रहे थे. अब प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर बड़े आरोप लगाए जा रहे हैं. इसी पर नया बयान असम में AIUDF के मुखिया बदरुद्दीन अजमल का आया है. उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर बीजेपी पर संगीन आरोप लगाए हैं.उन्होंने कहा कि लाखों लोग अयोध्या जाने वाले हैं. ऐसे में 20 जनवरी से 26 जनवरी तक देश के मुसलमान घरों में ही रहें. वो बस ट्रेन-कार से यात्रा करने से बचें क्योंकि बीजेपी ने बहुत बड़ा प्लान बनाया है. हालांकि क्या प्लान बनाया है, कहां से पता लगा. इसके बारे में बदरुद्दीन ने कुछ नहीं बोला. लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि देश में मुस्लिमों की सबसे बड़ी दुश्मन बीजेपी ही है. खास बात ये है कि बदरुद्दीन अजमल की पार्टी AIUDF. इंडी अलायंस का हिस्सा है. जिस पर पहले से ही राम मंदिर पर गलतबयानी के आरोप लगते रहे हैं. हालांकि इंडी अलायंस में बदरुद्दीन की पार्टनर कांग्रेस के नेता संदीप दीक्षित कह रहे हैं जितनी सांप्रदायिकता फैलेगी उसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा. सवाल क्या कांग्रेस बदरुद्दीन को समझाएगी. दो दिन पहले कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने आशंका जताई थी कि चुनाव से पहले बीजेपी पुलवामा, गोधरा जैसी हरकतें कर सकती है. इसी तरह ओवैसी से लेकर एसपी नेता शफीकुर्रहमान बर्क और NCP नेता जितेंद्र आव्हाड तक राम मंदिर पर अजब गजब बयान दे चुके हैं. आरोप लगे तो बीजेपी ने भी पलटवार किया. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बदरुद्दीन अजमल और ओवैसी जैसे लोग मुस्लिमों में भ्रम और नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं और बीजेपी को मुस्लिमों से कोई नफरत नहीं है. कर्नाटक में बीजेपी नेता और पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई कह रहे हैं कि कांग्रेस जानबूझकर अल्पसंख्यकों को मुख्य धारा से दूर करने की कोशिश कर रही है. शाहनवाज हुसैन का आरोप है कि बीजेपी विरोध से इंडी अलायंस राम विरोध पर उतर आया है. सवाल ये उठता है बदरुद्दीन अजमल जो कुछ कह रहे हैं उसका आधार क्या है. और वो बता रहे हैं या फिर भड़का रहे हैं. राम मंदिर को आधार बनाकर जो मजहबी विघ्न पैदा किये जा रहे उसके क्या मायने हैं.
अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन में बस 15 दिन शेष हैं. तैयारियां करीब करीब पूरी हो चुकी हैं. लेकिन इस पर हो रही सियासत अभी भी पूरी नहीं हुई है. पहले राम मंदिर और राम पर सवाल उठाए जा रहे थे. अब प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर बड़े आरोप लगाए जा रहे हैं. इसी पर नया बयान असम में AIUDF के मुखिया बदरुद्दीन अजमल का आया है. उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर बीजेपी पर संगीन आरोप लगाए हैं.उन्होंने कहा कि लाखों लोग अयोध्या जाने वाले हैं. ऐसे में 20 जनवरी से 26 जनवरी तक देश के मुसलमान घरों में ही रहें. वो बस ट्रेन-कार से यात्रा करने से बचें क्योंकि बीजेपी ने बहुत बड़ा प्लान बनाया है. हालांकि क्या प्लान बनाया है, कहां से पता लगा. इसके बारे में बदरुद्दीन ने कुछ नहीं बोला. लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि देश में मुस्लिमों की सबसे बड़ी दुश्मन बीजेपी ही है. खास बात ये है कि बदरुद्दीन अजमल की पार्टी AIUDF. इंडी अलायंस का हिस्सा है. जिस पर पहले से ही राम मंदिर पर गलतबयानी के आरोप लगते रहे हैं. हालांकि इंडी अलायंस में बदरुद्दीन की पार्टनर कांग्रेस के नेता संदीप दीक्षित कह रहे हैं जितनी सांप्रदायिकता फैलेगी उसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा. सवाल क्या कांग्रेस बदरुद्दीन को समझाएगी. दो दिन पहले कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने आशंका जताई थी कि चुनाव से पहले बीजेपी पुलवामा, गोधरा जैसी हरकतें कर सकती है. इसी तरह ओवैसी से लेकर एसपी नेता शफीकुर्रहमान बर्क और NCP नेता जितेंद्र आव्हाड तक राम मंदिर पर अजब गजब बयान दे चुके हैं. आरोप लगे तो बीजेपी ने भी पलटवार किया. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बदरुद्दीन अजमल और ओवैसी जैसे लोग मुस्लिमों में भ्रम और नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं और बीजेपी को मुस्लिमों से कोई नफरत नहीं है. कर्नाटक में बीजेपी नेता और पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई कह रहे हैं कि कांग्रेस जानबूझकर अल्पसंख्यकों को मुख्य धारा से दूर करने की कोशिश कर रही है. शाहनवाज हुसैन का आरोप है कि बीजेपी विरोध से इंडी अलायंस राम विरोध पर उतर आया है. सवाल ये उठता है बदरुद्दीन अजमल जो कुछ कह रहे हैं उसका आधार क्या है. और वो बता रहे हैं या फिर भड़का रहे हैं. राम मंदिर को आधार बनाकर जो मजहबी विघ्न पैदा किये जा रहे उसके क्या मायने हैं.
आईयूडीएफ (AIUDF) के अध्यक्ष और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने फिर एक बार विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा की उनको मुसलमानों से अपील की 20 से 26 जनवरी के बीच घर पर ही रहें. इतना ही नहीं उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मुस्लिम विरोधी बताया.
Bihar Politics: बिहार के विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने बिहार के पूर्व सीएम Lalu Yadav से मुलाकात की। जिसके बाद जेडीयू और आरजेडी के बीच दरार की खबरों ने तूल पकड़ लिया। इस मुलाकात के बाद बिहार में सियास हलचल तेज हो गई। ये मुलाकात पटना में राबड़ी आवास पर हुई। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री तेजप्रताप यादव भी मौजूद रहे।
बिहार में बदलाव की अटकलों के बीच सियासी हलचल बढ़ गई है. विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी लालू यादव से मिले. पटना में राबड़ी आवास पर मुलाकात हुई. कैबिनेट मंत्री तेज प्रताप भी बैठक में मौजूद रहे, उधर बिहार में जेडीयू-आरजेडी में दरार की अटकलों के बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है. गिरिराज ने कहा कि लालू यादव के चक्रव्यूह में नीतीश कुमार फंस चुके हैं, नीतीश की सीएम की कुर्सी जाने वाली है', लालू यादव तेजस्वी को सीएम बनाएंगे और ये सब 14 जनवरी के पहले हो जाएगा.
गिरिराज सिंह ने दावा किया कि नीतीश कुमार 24 के लोक सभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नही रहेंगे, उन्होंने जी मीडिया से खास बातचीत में कहा कि लालू यादव के चक्रव्यूह में नीतीश कुमार फंस चुके है और या तो वे JDU के आरजेडी में विलय कर दें नहीं तो लालू यादव उनको हटाकर तेजेस्वी को सीएम बना देंगे. गिरिराज सिंह ने कहा कि इसके लिए लालू यादव ने विधान सभा अध्यक्ष पद पर अपने खास को बिठा लिया है. गिरिराज सिंह ने जेडीयू के इंटरनल पॉलिटिक्स पर कहा कि नीतीश कुमार ने जब जॉर्ज फर्नांडिस को नही छोड़ा तो ललन सिंह किस खेत की मूली हैं.